Naat Sharif

वाह क्या जूदो करम है शहे कहा तेरा

वाह क्या जूदो करम है शहे कहा तेरा नहीं सुनता ही नहीं मांगने वाला तेरा   धारे चलते हैं अता के वोह है क़तरा तेरा तारे खिलते हैं सखा के वोह है ज़र्रा तेरा फैज़ है या शहे तस्नीम निराला तेरा आप प्यासों के तजस्सुस में है दरिया तेरा अग्निया पलते हैं दर से वोह […]

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कोई मंसूर, कोई बन के ग़ज़ाली आए

कोई मंसूर, कोई बन के ग़ज़ाली आए उन के दरबार से हो कर जो सवाली आए हो मेरे बस में तो मैं दिल में बिठा लूँ उन को चूम कर जो मेरे सरकार की जाली आए उन की रहमत को तो ये बात गवारा ही नहीं उन की चौखट पे कोई जाए तो ख़ाली आए

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मदीना करीम है

ये शहर-ए-मुस्तफ़ा है, मदीना करीम है  सब को निभा रहा है, मदीना करीम है क्यूँ ना करीम हो ये कि आक़ा करीम का मस्कन जो बन गया है, मदीना करीम है फैला के अपनी बाँहें बुलाता है बार-बार रहमत का दायरा है, मदीना करीम है टुकड़ों पे उन के पलते हैं शाह-ओ-गदा सभी सुफ़रा लगा

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चमक तुझसे पाते हैं सब पाने वाले

चमक तुझसे पाते हैं सब पाने वाले मेरा दिल भी चमका दे चमकने वाले   बरसता नही देख कर अब्र ए रहमत बादू(न) पर भी बरसा दे बरसाने वाले   मडीने के खीट्ते खुदा तुझको रखहे घरीबो फ़क़ीरो के ठहराने वाले   तू ज़िंदा है वल्लाह तू ज़िंदा है वल्लाह मेरे चश्मे आलम से चुप

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बुललो फिर मुझे ए शाहे बहरोबार, मदिने मैं || Bullo phir mujhe ae Shahe Bahrobar, Madine main|| lyrics in hindi & English

बुललो फिर मुझे ए शाहे बहरोबार, मदिने मैं बुललो फिर मुझे ए शाहे बहरोबार, मदिने मैं मैं फिर रोता हुवा आऊँ मैं फिर रोता हुवा आऊँ, तेरे दर पर मदिने में में पहुन्चू कोए जाना में, ग़रीबान चक सीना चक में पहुन्चू कोए जाना में, ग़रीबान चक सीना चक गिरा दे काश मुझको शोक तरपा

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बलगल उला बे कमालीही

बलगल उला बे कमालीही कश-फद-दु बी जमालीही हसनत जमीउ खिसालीही सल्लु आलाहे वालेहि करू तेरे नाम पे जा फिदा ना बस एक जान दो जहाँ फिदा दो जहाँ से भी नही जी भरा करू क्या करोड़ो जहाँ नही सल्लुआलाहे वालेहि ……………. ना तो मेरा कोय कमाल है ना है दखल इस मे गुरूर का मूज़े

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बातिल ने जब जब बदले है तेवर

अल्लाह की सर ता ब क़दम शान है ये इंसा नहीं इंसान वोह इंसान है ये क़ुरआन तो ईमान बता ता है इन्हें और ईमान ये कहता है मेरी जान है ये नाराए तकबीर अल्लाहु अकबर नाराए तकबीर अल्लाहु अकबर नाराए तकबीर अल्लाहु अकबर नाराए तकबीर अल्लाहु अकबर बातिल ने जब जब बदले है तेवर

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अब मेरी निगाहों में जचता नहीं कोई

अब मेरी निगाहों में जचता नहीं कोई जैसे मेरे सरकार हैं ऐसा नहीं कोई   तुम सा तो हसीं आँख ने देखा नहीं कोई ये शान-ए-लताफ़त है के साया नहीं कोई   ऐ ज़र्फ़-ए-नज़र देख मगर देख अदब से सरकार का जल्वा है तमाशा नहीं कोई   कहती है यही तूर से अब तक शब-ए-,मेअराज दीदार

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ऐ सब गुंबद वाले मंजूर दुआ करना

ऐ सब गुंबद वाले मंजूर दुआ करना जब वक़्त ए नज़ाह ऐ दीदार अता करना ए नूर ए खुदा आकार आंखों में समा जाना या दर पे बुला लेना या ख्वाब मैं आ जाना ऐ परदा नशीन दिल के परदे में रहा करना जब वक़्त ए नज़ाह ऐ दीदार आता करना ऐ सब गुंबद वाले

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