वाह क्या मर्तबा ऐ ग़ौस है बाला तेरा

वाह क्या मर्तबा ऐ ग़ौस है बाला तेरा ऊंचे ऊंचों के सरों से क़दम आ’ला तेरा सर भला क्या कोई जाने कि है कैसा तेरा औलिया मलते हैं आंखें वोह है तल्वा तेरा क्या दबे जिस पे ह़िमायत का हो पन्जा तेरा शेर को ख़त़रे में लाता नहीं कुत्ता तेरा तू ह़ुसैनी ह़-सनी क्यूं न

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तू शम-ए-रिसालत है, आलम तेरा परवाना

तू शम-ए-रिसालत है, आलम तेरा परवाना तू माह-ए-नुबुव्वत है, ऐ जल्वा-ए-जानाना जो साक़ी-ए-कौसर के चेहरे से निक़ाब उठे हर दिल बने मयख़ाना, हर आँख हो पैमाना दिल अपना चमक उठे ईमान की तलअत से कर आँखें भी नूरानी ऐ जल्वा-ए-जानाना सरशार मुझे कर दे एक जाम-ए-लबालब से ता हश्र रहे साक़ी ! आबाद ये मयख़ाना

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तु कुजा मन कुजा, तु कुजा मन कुजा

तु कुजा मन कुजा, तु कुजा मन कुजा तु कुजा मन कुजा, तु कुजा मन कुजा तु अमीर-ए-हरम, मैं फ़क़ीर-ए-अजम तेरे गुन और ये लब मैं तलब हि तलब तु अता ही अता तु कुजा मन कुजा, तु कुजा मन कुजा तु कुजा मन कुजा, तु कुजा मन कुजा इल्हाम जामा है तेरा, क़ुरआं इमामा

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ताजदार-ए-हरम ! हो निगाह-ए-करम

क़िस्मत में मेरी चैन से जीना लिख दे डूबे न कभी मेरा सफ़ीना लिख दे जन्नत तो ठिकाना है मगर दुनिया में ऐ कातिब-ए-तक़दीर मदीना लिख दे  ताजदार-ए-हरम ! हो निगाह-ए-करम हम ग़रीबों के दिन भी सँवर जाएंगे हामि-ए-बे-कसां ! क्या कहेगा जहाँ आप के दर से ख़ाली अगर जाएंगे ताजदार-ए-हरम ! हो निगाह-ए-करम हम ग़रीबों के

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सुब्ह़ त़यबा में हुई बटता है बाड़ा नूर का

सुब्ह़ त़यबा में हुई बटता है बाड़ा नूर का सदक़ा लेने नूर का आया है तारा नूर का बाग़े त़यबा में सुहाना फूल फूला नूर का मस्ते बू हैं बुलबुलें पढ़ती हैं कलिमा नूर का बारहवीं के चांद का मुजरा है सज्दा नूर का बारह बुर्जों से झुका एक इक सितारा नूर का तेरे ही

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सिर्फ़ एक बार, सिर्फ़ एक बार

सिर्फ़ एक बार, सिर्फ़ एक बार सिर्फ़ एक बार, सिर्फ़ एक बार दिल से मुस्तफ़ा को तू पुकार होगा बेड़ा पार, होगा बेड़ा पार जहाँ जहाँ भी गए वो करम ही करते गए किसी ने माँगा न माँगा वो झोली भरते गए ऐसे हैं सरकार ! मेरे ऐसे हैं सरकार ! ऐसे हैं सरकार !

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पढ़ना क़सीदा हक़ दे वली दा

पढ़ना क़सीदा हक़ दे वली दा सारे लगाओ ना’रा अली दा   मौला ते मेरा, पीरां दा पीर ए मैं की डसेवां ! किन्ना अमीर ए तह्तु-स्सरा तों अर्श-ए-उला ताईं सारे दा सारा रक़बा अली दा पढ़ना क़सीदा हक़ दे वली दा सारे लगाओ ना’रा अली दा हिक आम बाल ए, हिक ख़ास बाल ए

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