सिर्फ़ एक बार, सिर्फ़ एक बार

सिर्फ़ एक बार, सिर्फ़ एक बार सिर्फ़ एक बार, सिर्फ़ एक बार दिल से मुस्तफ़ा को तू पुकार होगा बेड़ा पार, होगा बेड़ा पार जहाँ जहाँ भी गए वो करम ही करते गए किसी ने माँगा न माँगा वो झोली भरते गए ऐसे हैं सरकार ! मेरे ऐसे हैं सरकार ! ऐसे हैं सरकार ! […]

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पढ़ना क़सीदा हक़ दे वली दा

पढ़ना क़सीदा हक़ दे वली दा सारे लगाओ ना’रा अली दा   मौला ते मेरा, पीरां दा पीर ए मैं की डसेवां ! किन्ना अमीर ए तह्तु-स्सरा तों अर्श-ए-उला ताईं सारे दा सारा रक़बा अली दा पढ़ना क़सीदा हक़ दे वली दा सारे लगाओ ना’रा अली दा हिक आम बाल ए, हिक ख़ास बाल ए

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नूर वाला आया है नूर ले कर आया है

नूर वाला आया है नूर ले कर आया है सारे आलम में ये देखो कैसा नूर छाया है अस्सलतू वस्सलामू अलाइका या रसूल अल्लाह अस्सलतू वस्सलामू अलाइका या हबीब अल्लाह जब तलाक़ ये चाँद तारे झिलमिलते जाएँगे तब तलाक़ जश्न ए विलादत हम मानते जाएँगे नूर वाला आया है नूर लेकर आया है सारे आलम

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लह़द में इ़श्क़-ए-रुख़-ए-शह का दाग़ ले के चले

लह़द में इ़श्क़-ए-रुख़-ए-शह का दाग़ ले के चले अंधेरी रात सुनी थी चिराग़ ले के चले तेरे ग़ुलामों का नक़्श-ए-क़दम है राह-ए-ख़ुदा वोह क्या बहक सके जो येह सुराग़ ले के चले जिनां बनेगी मुह़िब्बाने चार यार की क़ब्र जो अपने सीने में येह चार बाग़ ले के चले गए, ज़ियारत-ए-दर की, सद आह !

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ख़ुदा की अज़्मतें क्या हैं, मुहम्मद मुस्तफ़ा जाने

ख़ुदा की अज़्मतें क्या हैं, मुहम्मद मुस्तफ़ा जाने मक़ाम-ए-मुस्तफ़ा क्या है, मुहम्मद का ख़ुदा जाने सदा करना तो मेरे बस में था मैंने सदा कर दी वो क्या देंगे, मैं क्या लूँगा, सख़ी जाने, गदा जाने ख़ुदा की अज़्मतें क्या हैं, मुहम्मद मुस्तफ़ा जाने मक़ाम-ए-मुस्तफ़ा क्या है, मुहम्मद का ख़ुदा जाने कहा जिब्रील ने सिदरा

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ख़ैरात लेने आ गए मंगते तुम्हारे ख़्वाजा

ख़ैरात लेने आ गए मंगते तुम्हारे ख़्वाजा भर दीजिए दामन मुरादों से हमारे ख़्वाजा मेरे ख़्वाजा पिया, मेरे ख़्वाजा पिया मेरे ख़्वाजा पिया, मेरे ख़्वाजा पिया मंगतों की रखले लाज कर दे सब मुरादें पूरी दामन पसारे आ गए तेरे द्वारे ख़्वाजा ख़ैरात लेने आ गए मंगते तुम्हारे ख़्वाजा भर दीजिए दामन मुरादों से हमारे

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करम मांगता हूँ, अता मांगता हूँ

करम मांगता हूँ, अता मांगता हूँ इलाही मैं तुझ से दुआ मांगता हूँ   करम मांगता हूँ… अता कर तू शान-ए-करीमी का सदक़ा तू दे दे इलाही ! रहीमी का सदक़ा न मांगूंगा तुझ से तो मांगूंगा किस से तेरा हूँ तुझी से दुआ मांगता हूँ  करम मांगता हूँ… जो मुफ़लिस हैं उन को तू दौलत

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कालियाँ ज़ुल्फाँ वाला दुखी दिलाँ दा सहारा

कालियाँ ज़ुल्फाँ वाला दुखी दिलाँ दा सहारा क़सम ख़ुदा दी ! मैनूं सब नालों प्यारा   दसां की मैं मुस्तफ़ा दी केडी सोहणी शान ए ! आप दी ता’रीफ़ विच सारा ई क़ुरआन ए ! पढ़ के तू वेख जेह्ड़ा मरज़ी सिपारा क़सम ख़ुदा दी ! मैनूं सब नालों प्यारा कालियाँ ज़ुल्फाँ वाला दुखी दिलाँ

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गम हो गए बे शुमार आका

गम हो गए बे शुमार आका बन्दा तेरे निसार आका बिगड़ा जाता है खेल मेरा आका आका संवार आका मजधार पे आ के नाव डूबी दे हाथ के हूं मै पार आका टूटी जाती हे पीठ मेरी लिल्लाह येह बोझ उतार आका हलका हे अगर हमारा पल्‍ला भारी हे तेरा वकार आका मजबूर हैं हम

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फ़लक के नज़ारो ! ज़मीं की बहारो !

फ़लक के नज़ारो ! ज़मीं की बहारो ! सब ईदें मनाओ, हुज़ूर आ गए हैं उठो ग़म के मारो ! चलो बे-सहारो ! ख़बर ये सुनाओ, हुज़ूर आ गए हैं हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं, हुज़ूर आ गए हैं अनोखा निराला वो ज़ी-शान आया, वो सारे रसूलों का

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