अजब रंग पर है बहारे मदीना
अजब रंग पर है बहारे मदीना के सब जन्नतें हैं निसारे मदीना ये जन्नत की तस्वीर है मदीना ही तक़दीर है लबों पर सजा कर दुरूदों की बोली चली आ रही है फ़रिश्तों की टोली दमे सुब्हो उतरी है रह़मत की डोली मुरादों से भर जाएगी सबकी झोली वो नूरून अला नूर त़शरीफ़ लाए ख़ुदाई […]
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