अब मेरी निगाहों में जचता नहीं कोई

अब मेरी निगाहों में जचता नहीं कोई जैसे मेरे सरकार हैं ऐसा नहीं कोई   तुम सा तो हसीं आँख ने देखा नहीं कोई ये शान-ए-लताफ़त है के साया नहीं कोई   ऐ ज़र्फ़-ए-नज़र देख मगर देख अदब से सरकार का जल्वा है तमाशा नहीं कोई   कहती है यही तूर से अब तक शब-ए-,मेअराज दीदार […]

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ऐ सब गुंबद वाले मंजूर दुआ करना

ऐ सब गुंबद वाले मंजूर दुआ करना जब वक़्त ए नज़ाह ऐ दीदार अता करना ए नूर ए खुदा आकार आंखों में समा जाना या दर पे बुला लेना या ख्वाब मैं आ जाना ऐ परदा नशीन दिल के परदे में रहा करना जब वक़्त ए नज़ाह ऐ दीदार आता करना ऐ सब गुंबद वाले

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आओ नबी की शान सुनो

आओ नबी की शान सुनो नबी हे बोलता क़ुरआन सुनो हबीब प्यारा नजर उठाए हो मोला किब्ला बदल दे कहीं ये चाहत कहीं ये केहना ए मूंसा आना संभल के खुदा हे उन्पे मेहरबान सुनो नबी हे बोलता क़ुरआन सुनो नबी का सजदा हुवा है लंबा हुसैन पुश्त पर बैठे तेरे नवासे के जिनके जोडे

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आंखो का तारा नामे मुहम्मद

आंखो का तारा नामे मुहम्मद दिल का उजाला नामे मुहम्मद   अल्लाहु अकबर रब्बुल उला ने हर शै पे लिखा नामे मुहम्मद   दौलत जो चाहो दोनो जहां की करलो वजीफा नामे मुहम्मद   शैदा ना कियू हो उस पर मुसलमां रब को है पियारा नामे मुहम्मद   अल्लाह वाला दम में बनादे अल्लाह वाला

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बे खुद कि डेते ये हे

बे खुद किडेते ये हेन्, अन्दाज ए हिजाबान आ डिल मेइन टुझरी रख लून्, ऐए जल्व ए जानना जी चहता है टोउह्फरी मेइन बेह्जोउन मैन उन्हेइन आखेइन् करी डर्शन क टो डर्शन हो, णज्रनरी क णज्रना ।   क्युन आन्ख मिलयी ठि, क्यून आग लगयी ठि अब रुख को चुपा बैथ कर केय मुझरी डेवना ।

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सुनते हैं कि महशर में सिर्फ उनकी रसाई है

सुनते हैं कि महशर में सिर्फ उनकी रसाई है गर उनकी रसाई है लो जब तो बन आई है मछला है कि रहमत ने उम्मीद बंधाई है क्या बात तेरी मुजरिम क्या बात बनाई है बाज़ारे अमल में तो सौदा न बना अपना सरकार करम तुझमें ऐ बी की समाई है सब ने सफ़े महशर

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शहर-ए-तयबा का वो बाज़ार बड़ा प्यारा है ।

शहर-ए-तयबा का वो बाज़ार बड़ा प्यारा है हम गुलामों का ख़रीदार बड़ा प्यारा है। रोज़ कहती है मदीने में उतर के जन्नत  या नबी ! आप का दरबार बड़ा प्यारा है। देख कर कहते थे सिद्दीक़ को मेरे आका ऐ सहाबा ! ये मेरा यार बड़ा प्यारा है   यूँ तो इज़हार-ए-मोहब्बत है किया कितनो

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कालियाँ ज़ुल्फा वाला दुखी दिलान दा सहारा

कालियाँ ज़ुल्फा वाला दुखी दिलान दा सहाराक़स्सम खुदा दी माय्नूं सब नालूँ प्यारा दस्सां की मैं मुस्तफा दी केडी सोहनी शान हैआप दी तारीफ व्हिच सारा ही कुर’आन हैपढ़ के तू वेख जेयरा मर्ज़ी सिपाराकस्सम खुदा दी माय्नूं सब नालूँ प्यारा एयडा सोहना नबी कोई दुनिया तय आया नहींयार एय हो जिया कोई रब ने

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मुझे रंग दे मुझे रंग दे

मुझे रंग दे मुझे रंग दे मुझे अपने रंग में रंग देमौला मौला रंग दे मौला मौला मौला तू करीम है तू रहीम है तेरी ज़ात सब से अज़ीम हैनहीं तुझ सा कोई भी दूसरा तू कबीर है तू अलीम है मुझे रंग दे मुझे रंग देमुझे अपने रंग में रंग देमौला मौला रंग दे मौला

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