Gul-e-Bostan-e-Nabi Ghaus-e-Azam-Mnaqabat Lyrics in Roman-Hindi-Urdu || गुल-ए-बोस्तान-ए-नबी ग़ौस-ए-आ’ज़म

गुल-ए-बोस्तान-ए-नबी ग़ौस-ए-आ’ज़म मह-ए-आसमान-ए-‘अली ग़ौस-ए-आ’ज़म  जिसे चाहे कर दे ‘अता सर-बुलंदीमिली है तुझे ख़ुसरवी, ग़ौस-ए-आ’ज़म ! वली हो गया वो इशारे से तेरेसदा जिस ने की रह-ज़नी, ग़ौस-ए-आ’ज़म ! बढ़ा हाथ तेरी तरफ़ मुफ़्लिसों कानज़र तेरी जानिब उठी, ग़ौस-ए-आ’ज़म ! तू वो गुल है बाग़-ए-हुसैन-ओ-हसन काकि बू तेरी सब में बसी, ग़ौस-ए-आ’ज़म ! हो सरसब्ज़ शादाब […]

Gul-e-Bostan-e-Nabi Ghaus-e-Azam-Mnaqabat Lyrics in Roman-Hindi-Urdu || गुल-ए-बोस्तान-ए-नबी ग़ौस-ए-आ’ज़म Read More »